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मारुति सुजुकी मजदूरोँ का जन्तर- मन्तर पर विशाल प्रदर्शन!


(जंतर मंतर पर मारुति मजदूर)
19 दिसम्बर, नयी दिल्ली। आज मारूति सुजुकी वर्कर्स यूनियन के नेतृत्व में करीब 500 मजदूरोँ  ने अपने गिरफ्तार मारूति सुजुकी मजदूरो की बिना शर्त रिहाई, 18 जुलाई की मारूति मानेसर प्लांट में हुई घटना की उच्चस्तरीय जांच और 546 बर्खास्त मजदूरोँ  की बहाली की मांग की। यूनियन नेता ईमान खान ने बताया कि इस आन्दोलन में यूनियन बनाने का अधिकार तथा ठेका प्रथा समाप्त की जाने आदि मांगोँ को भी उठाया गया है। 
ज्ञात हो कि 18 जुलाई की घटना के बाद बिना किसी जांच के हरियाणा सरकार ने मजदूरोँ के खिलाफ एकतरफा कार्रवाई करते हुए 149 मजदूरोँ  को गिरफ्तार कर लिया था और 215 मजदूरोँ के खिलाफ चार्टशीट तैयार की थी। वहीं मारूति सुजुकी कम्पनी ने भी 21 अगस्त को मानेसर संयंत्र को फिर से खोलने के साथ 546 मजदूरोँ को बर्खास्त कर दिया था। 1800 ठेका मजदूरोँ  को भी निकाला गया। मारूति सुजुकी वर्कर्स यूनियन तभी से निष्पक्ष जांच, बर्खास्त मजदूरोँ की बहाली और गिफ्तार मजदूरोँ की रिहाई की मांग को लेकर संघर्ष कर रही है। हरियाणा सरकार के कई मन्त्रियोँ और अधिकारियोँ से मुलाकात के बाद भी जब कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली तो यूनियन ने दिल्ली के जन्तर-मन्तर पर प्रदर्शन किया।
(मारुति वर्कर्स यूनियन के महावीर धीमान)
यूनियन के ईमान खान ने जन्तर मन्तर में छात्रा के साथ चलती बस में सामूहिक बलात्कार की घटना के विरोध में प्रदर्शन कर रहे आन्दोलन का भी समर्थन किया और कहा कि दिल्ली से लेकर हरियाणा तक में पुलिस-प्रशासन का काम नागरिकोँ की सुरक्षा का प्रदान करना है लेकिन आज पुलिस -प्रशासन सिर्फ मजदूरोँ के दमन के लिए तो मुस्तैद रहती है।
बिगुल मजदूर दस्ता के तपिश ने सभा को सम्बोधित करते कहा कि मारूति मजदूरोँ ने अपने डेढ़ साल के अनुभव से समझ लिया हैं उनकी लड़ाई सिर्फ मारूति सुजुकी प्रबन्धन नहीं है बल्कि उनके खिलाफ पूंजी की चाकरी करने वाली पूरी व्यवस्था खड़ी हैं जिसमें सरकार, पुलिस-प्रशासन से लेकर न्यायालय तक आते हैं इसलिए हमें अपने दुश्मन के खिलाफ व्यापक एकजुटता बनानी होगा और आन्दोलन को मारूति प्लांट से लेकर गुड़गांव-मानेसर-धारूहेड़ा-बावल के समस्त मजदूरोँ की इलाकाई वर्ग एकजुटता कायम करनी होगी। साथ ही हमें पूरे स्वतंत्र आटो सेक्टरगत यूनियन का निर्माण भी करना होगा।
(स्त्री मजदूर संगठन की शिवानी)
इस प्रदर्शन के साथ प्रधानमन्त्री कार्यालय को यूनियन ने अपना मांगपत्रक और ज्ञापन भेजा है। एम.एस.डब्ल्यू.यू के ओमप्रकाश ने बताया कि यह संघर्ष का समापन नहीं बल्कि एक नये दौर  शुरूआत है। अगर मांगोँ पर सुनवाई नहीं होती तो इस संघर्ष को आगे बढ़ाया जायेगा। मारूति सुजुकी वर्कर्स यूनियन को दिल्ली की कई मजदूर यूनियनो और संगठनो का समर्थन प्राप्त हुआ जिनमें सीटू, एक्ट, बिगुल मजदूर दस्ता, इंकलाबी मजदूर केन्द्र, क्रान्तिकारी नौजवान सभा ए.आई.यू.टी.यू.सी. औरा एक्टू आदि शामिल थे।

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