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मारुति मजदूरों की गिरफ्तारी और बर्बर लाठीचार्ज

19 मई, कैथल। हरियाणा पुलिस ने एक के बाद एक अपने असली चरित्र को उजागर किया।  पहले पुलिस ने 18 मई को रात 11 बजे करीब 130 मजदूरों को पकड़ लिया और 56 दिनों से डी सी कार्यालय पर लगे मजदूरों के टेंट को उखाड़ दिया। कईं वैन में भर कर आई 300 पुलिस वालों ने यह गिरफ्तारी धारा 144 तोड़ने पर की। 19 मई के व्यापक जन जुटाव को तोड़ने के मकसद से पुलिस ने शाम को ही डी सी कार्यालय से लेकर पूरे कैथल में धारा 144 और रात को सोते हुए मजदूरों को 'शांति' भंग करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। सुबह सुबह पुलिस ने हनुमान वाटिका और डी सी कार्यालय को छावनी में बदल दिया और सुबह सुबह जो भी मजदूर पुलिस को दिखा उसे पुलिस ने पकड़ लिया। बस अड्डे के पास पि सी आर वें ने गमछे और बेग वाले नौजवानों को भी मजदूर होने के शक में पकड़ लिया। यह सब पुलिस ने 'शांति' भंग होने से बचने के किया। परन्तु ब्राह्मण सभा की सभा जिसमे खुद रणदीप सुरजेवाला मुख्या अतिथि थे और कुलदीप विशनोई की विकास रैली के लिए कोई भी धारा 144, क्योंकि शांति भंग सिर्फ मारुति मजदूरों और उनके समर्थन में आये हुए नागरिको ने की। इसके विरोध में सुबह से ही मजदूर, मजदूर संगठन, मजदूरों के घरवाले और अलग अलग गाँवों से किसानो ने प्योदा गाँव में जुटान किया और कैथल बायी पास रोड पर से होते हुए करीब ३ किलो मीटर का रास्ता तय कर उद्योग मंत्री सुरजे वाला के घर का घिराव किया। परन्तु वहां भी पुलिस प्रशासन मजदूरों को टालता रहा। शाम तक प्रशासन ने मजदूरों को कोई भी जवाब नहीं दिया। शाम को शान्ति पूर्ण तरीके से चल रहे प्रदर्शन पर पुलिस ने मजदूरों, उनके परिजनों जीमे महिलायें व बूढ़े शामिल थे, राजनितिक कार्यकर्ताओं पर भूखे भेडियो की तरह लाठियां भांजी। कईं लोगों को गंभीर चोट भी आई हैं। इसके विरोध में दिल्ली और देश भर से प्रतिकिर्या आयीं हैं। 20 मई को बिगुल मजदूर दस्ता दिल्ली में अन्य मजदूर संगठनो व नागरिकों के साथ इस घटना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेगा। 

















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