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बिगुल ने जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर प्रधानमन्त्री से मारुति मजदूरों की सुरक्षा की मांग की


पिछले एक साल से संघर्षरत मारुति सुजुकी के मजदूर दमन झेल रहे हैं। जबरन गिरफ्तारी, बर्बर लाठीचार्ज और छंटनी से लेकर हर तरह के दमन के खिलाफ गुरुवार को जंतर-मंतर पर बिगुल मजदूर दस्ता व अन्य संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया। 

बिगुल मजदूर दस्ता के अजय ने बताया कि 18 जुलाई को मारुति सुजुकी के मानेसर संयत्र में हुयी तोड़-फोड़ व आगजनी की घटना की किसी भी जांच के बिना ही मजदूरों के खिलाफ एकतरफा कार्रवाही की गयी। पिछले चार महीने से मारुति के मजदूरों का संघर्ष हरियाणा के कैथल इलाके में जारी था। 19 मई को मजदूरों और उनके परिवार वाले कैथल में उद्योगमंत्री रणदीप सुर्जेवाला के घर के सामने शान्तिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे तभी अचानक पुलिस ने बर्बर लाठीचार्ज शुरू कर दिया और वाटर कैनन की बौछार और आंसू गैस के गोले भी फेंके। इसमें कईं महिलाओं को गंभीर चोटें आईं थी। उन्होंने कहा कि कि हरियाणा सरकार कोर्पोरेट घरानों और बहुराष्ट्रीय कंपनियों के साथ मिलकर बर्बर तानाशाही कर रही है जिसका जवाब सभी इंसाफ़पसन्द लोगों को देना होगा। 

स्त्री मजदूर संगठन की शिवानी ने कहा कि मारुति मज़दूरों के संघर्ष को एक साल होने को है पर अब तक न ही उस घटना की जाँच की गई और न ही गिरफ़्तार बेकसूर मज़दूरों को छोड़ा गया। विरोध प्रदर्शन के बाद एक ज्ञापन प्रधानमंत्री कार्यालय व केन्द्रीय श्रम मंत्रालय को दिया गया जिसमें 18 जुलाई की घटना की निष्पक्ष जाँच, गिरफ्रतार मजदूरों की रिहाई, निकाले गये मज़दूरों की काम पर बहाली आदि माँगे रखी गईं। मारुति मज़दूर और विभिन्न मज़दूर संगठन आने वाली 18 जुलाई को मानेसर मंे एक बड़ा प्रदर्शन करेंगे, ज्ञापन में मानेसर में होने वाले प्रदर्शन में मज़दूरों की सुरक्षा के इन्तजाम की माँग भी की गई।



प्रदर्शन में दिशा छात्र संगठन की ओर से नाटक ‘मशीन’ की प्रस्तुति की गई। इस प्रदर्शन में करावल नगर मजदूर युनियन, स्त्री मजदूर संगठन, नौजवान भारत सभा आदि संगठनों ने भी हिस्सेदारी की। 

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